Monday, October 27, 2008

Spirit of raj thakarey !

Yes, we all should support Raj Thackeray and take his initiative ahead by doing more...
We should teach our kids that if he is second in class, don't study harder.. just beat up the student coming first and throw him out of the school
Parliament should have only Delhiites as it is located in delhi
Prime-minister, president and all other leaders should only be from Delhi
No Hindi movie should be made in Bombay. Only Marathi.
At every state border, buses, trains, flights should be stopped and staff changed to local men
All Maharashtrians working abroad or in other states should be sent back as they are SNATCHING employment from Locals
Lord Shiv, Ganesha and Parvati should not be worshiped in our state as they belong to north (Himalayas)
Visits to Taj Mahal should be restricted to people from UP only
Relief for farmers in Maharashtra should not come from centre because that is the money collected as Tax from whole of India, so why should it be given to someone in Maharashtra?
Let's support Kashmiri Militants because they are right in killing and injuring innocent people for the benefit of their state and community..
Let's throw all MNCs out of Maharashtra, why should they earn from us? We will open our own Maharashtra Microsoft, MH Pepsi and MH Marutis of the world
Let's stop using cellphones, emails, TV, foreign Movies and dramas. James Bond should speak Marathi
We should be ready to die hungry or buy food at 10 times higher price but should not accept imports from other states
We should not allow any industry to be setup in Maharashtra because all machinery comes from outside
We should STOP using local trains... Trains are not manufactured by Marathi manoos and Railway Minister is a Bihari
Ensure that all our children are born, grow, live and die without ever stepping out of Maharasthra, then they will become true Marathis

JAI MAHARASHTRA!

Sunday, October 26, 2008

विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप बिहार मे !




वैशाली से 55 किमी की दुरी पे केसरिया नामक ब्लाक है जहॉ हाल ही में हुई खुदाई मे अब तक का सबसे बड़ा स्तूप मिला है। ये स्तूप पाँच विशाल छत से जो अलग-अलग आकार के है,से मिल कर बना है,ये उपर जा कर आपस मे मिल गये है। ये अलग-अलग स्तूप शक्ति और धयान का प्रतीक है।
इस स्तूप के बनने के पिछे की कहानी भी बड़ी रोचक है। किंदवती है कि जब भगवान बुद्ध अपने अंतिम साल मे वैशाली छोड़ कर कुशीनगर जा रहे थे तो गाँव के लोगो का बड़ा समुह उनके पिछे-पिछे चल पड़ा। जब भगवान बुद्ध केसापुट्टा (जो अब केसरिया के नाम से जाना जाता है) पहुँचे तो लोगो से वापस जाने की गुजारिश की तो लोग न चाहते हुए भी दुखी मन से जाने के लिए राजी हो गए। भगवान बुद्ध ने लोगो के दुःख को कम करने के लिए भिक्षा पात्र दिया। ये उस समय की सबसे बड़ी घटना थी।
इसी घटना के कारण यहॉ इस विशाल स्तूप का निर्माण हुआ। फ़ाहियान और हुयेनसांग जैसे इतिहासकारो ने इसका उल्लेख अपने यात्राक्रम मे किया है। जिस केसापुट्टा के स्तूप के बारे मे इन्होने बताया गया है वो आज का केसरिया शहर है।
विश्व के इस सबसे बड़े बौद्ध स्तूप की खुदाई अभी भी जारी है और इसे सहेजा जा रहा है। इस स्तूप की गोलाई 1400 फ़िट,ऊचाई 51 फ़िट,और इसका गुंबद 70 फ़िट ऊँचा है।

The Biggest Bodh Stup is in Bihar !


According to legend, in the last year of the Buddha's life when he left Vesali on his way to Kusinara a large group of Vijjians followed him and refused to leave him. When they finally got to Kessaputta the Buddha urged the throng to return to their homes and they reluctantly agreed. To console them he gave them his begging bowl. Later, a stupa was built on the site of this incident. Both Fa-hian and Hiuen Tsiang visited this stupa and left short accounts of it. Today Kessaputta is represented by the small town of Kesariya about 55 kilometres north-west of Vesali. The stupa rises in five huge terraces each of a different shape so that from above it would look like a giant mandala. In each terrace are niches enshrining life size statues of the Buddha.
The stupa is still undergoing excavation and restoration. Cunningham measured it and found it to be 1400 feet in circumference and 51 feet high and estimated that its dome would have originally been about 70 feet high. Concerning his further findings he wrote, "The excavations have disclosed the walls of a small temple 10 feet square, and the head and shoulders of a colossal figure of the Buddha, with the usual crisp curly hair". To get to Kesariya from Vesali return to the main Muzaffarpur - Motihari road and turn.

Saturday, October 25, 2008

राज की ताकत है हिंन्दीभाषी !

राज ठाकरे अपनी राजनीति को आगे बढाने के लिए चाहे जितनी हिंन्दीभाषीयों पर हमले करवाले पर सच यही है, उनकी असली ताकत मराठी भाई नहीं है। उनकी असली ताकत हिंन्दीभाषी हैं,इनके बिना राज विकलांग है,बोले तो हैन्डीकैप। खुद हिन्दी बोलने से परहेज करने वाले राज की आवाज को देश के कोने-कोने मे पहुँचाने के लिए मनसे ने जिस वागीश सारस्वत को प्रवक्ता नियुक्त किया है वो मूलतः अलीगढ़ के निवासी है। उनके परिवार के कुछ सदस्य आज भी दिल्ली के निकट वल्लभगढ मे रहते है।
राज ठाकरे जो विक्षिप्त की तरह आय-बाय बकते रहते है,और हर बार कानुन को निंबु की तरह निचोड देते है। वो किसके बल पर ? अपने कानुन के ठिकेदार,वकील अखिलेश चौबे के बल पर। जो एक उतरभारतीय है। वचाव के लिए सारी रणनीति इनके ही नेतृत्त्व मे तैयार की जाती है। राज के बिजनेस पार्टनर भी उनके सबसे भरोसेमंद गुप्ता जी है,जो हिंन्दीभाषी है।
इतना ही नहीं मराठी युवको को महाराष्ट्र मे रोजगार देने के लिए जो कंप्यूटर का कोर्स पिछ्ले महिने नासिक मे चलाया जा रहा था,उसमे मुख्य प्रशिक्षक एक हिंन्दीभाषी सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ सौरभ मिश्र हैं। यानी गुड़ खाए लेकिन गुलगुल्ले से परहेज। इसि को कहते है माल-महाजन का और मिर्ज़ा खेले होली……………बोलो जोगीरा सा रा रा रा ।

Wednesday, October 22, 2008

प्यार एक खुजली है ?

कभी आपने सोचा है कि प्यार क्या है।भई जितने लोग उतनी बाते,सब की राय अलग -अलग है।प्यार एक खुशी है,अहसास है,सलफ़ास है,इंतजार है,वगैरह-वगैरह।मैने एक माटसाहब(मास्टर साहब) से पुछा तो उन्होने जवाब दिया की असल प्यार वही है जिसमे प्यार करने वाले नही मिले।जैसे नदी के दो किनारे नही मिलते है।लैला-मजनु मिल नही सके।
मेरी नजर मे प्यार एक "खुजली" है।जिस तरह खुजली होने पर हम खुजलाते है,और जितना खुजलाते है,उतना ही हमे अच्छा लगता है।लेकीन जैसे ही खुजलाना बद करते है,तो बाबा रे बाबा कितना कष्ट होता है,ये सब को पता हैं।
ठिक उसी तरह प्यार है। शुरु मे तो सब ठिक-ठाक रहता है पर जैसे-जैसे समय बितता है कष्ट होने लगता हैं। ठिक कह रहे है न ………………………………इस लेख पर अपनी राय जरुर दे॥आप मुझे ईमेल भी कर सकते है……amitesh.magnificent@gmail.com

Tuesday, October 21, 2008

लालु-राज का छिछोरापन ।

पता नही महाराष्ट्र और केंद्र की सरकार क्या कर रही है। अगर इन्हे हिजड़ों की सरकार कहे तो भी कम होगा। इन्हे तो मौगो की जमात कहा जाना चाहिए। अगर राज ठाकरे ये सोच रहे है कि इस आग मे वो बिहारीयो को जला देगे,आगे नही बढ्ने देगे तो ये उनकी मुर्खता है।
बिहारीयो को आगे बढ्ने से कोई ताकत कोई गुंडा नही रोक सकता। बिहारी आगे बढ्ने के लिये किसी का मोहताज नही है। ये अपनी सिढिया खुद बनाते है। उन्हे शायद ये मालुम नही की मुम्बई मे सिर्फ़ वही ठाकरे है, लेकिन बिहार का बच्चा-बच्चा ठाकरे का बाप है,इसलिए वो किसी मुगालते मे न रहे।आज हर क्षेत्र मे बिहारीयो का बर्चस्व है,लगभग 60% पदो पर इनका कब्जा है, और इसीलिए ठाकरे को आग लगाना पर रहा है।
महाराष्ट्र मे मनसे के गुंडे की पिटाई से जिस बिहारी छात्र,"पवन" जो की नालंदा जिले का रहने वाला था,की मौत हुई । उसके सबसे बड़े जिम्मेदार हमारे खुद अपने बिहारी नेता है। ये कभी छ्ठ के नाम पर,कभी बिहारीयो का नाम ले कर आग उगलते है,जिसकी लपटें हमे जला रही है। इन्होने 15 साल मे बिहार को बरबाद कर दिया। इन्होने बिहारीयो का रेपो इतना खराब कर दिया की उसका परिणाम हम अभी तक चुका रहे है। इसी कारण हम कही पिटे जाते है,कही लुट जाते है। खैर अब बहुत हो गया लोग सभल रहे है,आज पटना स्टेशन पर तो तोड़-फ़ोड़ करने वाले लोग इन्हे माँ बहन की गालियॉ दे रहे थे।
हम भी कितने वेवकुफ़ है कि किसी के कह देनेभर से अपने ही घर को जलाने लगते है,अपने ही भाई बधु को तकलीफ़ पहुचाने लगते है। ये ठीक उसी तरह है जैसे कोई कहे कि कौआ कान लेके उड़ गया है और हम कान को नही देख कर,कौआ के पिछे भागने लगते है। जल्द ही हमे सभलना होगा क्योकी हमारे देश में फ़ुट डालो और राज करो की निती को जोर शोर से प्रसारित किया जा रहा है।
और अंत मे भाई "पवन" को श्रद्धांजलि अर्पित है।

आम आदमी,खास आदमी

आम आदमी की शिकायत होती है की वो सबसे कमजोर आदमी होता है।वो सिर्फ़ सह सकता है,पिस सकता है,लुट सकता है,पिट भी सकता है,लेकीन सिस्टम के खिलाफ़ लड़ नही सकता ।सब बकवास है,मेरी नजर आम आदमी सबसे खास आदमी है। आम आदमी जो काम कर सकता है वो कोई भी नही कर सकता है। अब आप सोचिएगा कैसे क्योकी आम आदमी कर्मठ होता है।
वो अपनी जिंदगी मे जितनी मेहनत करता है,कठिनाईयो को झेलता है,हर पल संघर्ष करता हुआ आगे की ओर बढता है शायद कोई नही करता है।वो जानता है की मेहनत के आलावा उसके पास कोई विकल्प नही है।वो सरकार बना सकता है तो हटा भी सकता है। इतिहास गवाह है की जिसने भी अपनी जिंदगी मे कुछ नया करने की सोची और उसे अपना लक्ष्य बनाया वो सबसे आगे निकल गया। सफ़ल लोगो की लिस्ट बहुत लंबी है। लेकीन उस लिस्ट मे आम आदमी का नाम लगभग 80% है। इस लिस्ट मे आपका नाम भी जुड़ सकता है। बस जरुरत है एक मजबुत सकल्प की,एक नई सोच की,और मजबुत इरादे के साथ आगे बढने की। हमेशा अपने लक्ष्य के बारे मे चिंतन किजिये,चिंता नही फ़िर देखिये रास्ता खुद ब खुद कैसे बनता है। बस धैर्यपूर्वक अपना काम करते रहिये और आप ऐसा कर सकते है।