Tuesday, October 21, 2008

लालु-राज का छिछोरापन ।

पता नही महाराष्ट्र और केंद्र की सरकार क्या कर रही है। अगर इन्हे हिजड़ों की सरकार कहे तो भी कम होगा। इन्हे तो मौगो की जमात कहा जाना चाहिए। अगर राज ठाकरे ये सोच रहे है कि इस आग मे वो बिहारीयो को जला देगे,आगे नही बढ्ने देगे तो ये उनकी मुर्खता है।
बिहारीयो को आगे बढ्ने से कोई ताकत कोई गुंडा नही रोक सकता। बिहारी आगे बढ्ने के लिये किसी का मोहताज नही है। ये अपनी सिढिया खुद बनाते है। उन्हे शायद ये मालुम नही की मुम्बई मे सिर्फ़ वही ठाकरे है, लेकिन बिहार का बच्चा-बच्चा ठाकरे का बाप है,इसलिए वो किसी मुगालते मे न रहे।आज हर क्षेत्र मे बिहारीयो का बर्चस्व है,लगभग 60% पदो पर इनका कब्जा है, और इसीलिए ठाकरे को आग लगाना पर रहा है।
महाराष्ट्र मे मनसे के गुंडे की पिटाई से जिस बिहारी छात्र,"पवन" जो की नालंदा जिले का रहने वाला था,की मौत हुई । उसके सबसे बड़े जिम्मेदार हमारे खुद अपने बिहारी नेता है। ये कभी छ्ठ के नाम पर,कभी बिहारीयो का नाम ले कर आग उगलते है,जिसकी लपटें हमे जला रही है। इन्होने 15 साल मे बिहार को बरबाद कर दिया। इन्होने बिहारीयो का रेपो इतना खराब कर दिया की उसका परिणाम हम अभी तक चुका रहे है। इसी कारण हम कही पिटे जाते है,कही लुट जाते है। खैर अब बहुत हो गया लोग सभल रहे है,आज पटना स्टेशन पर तो तोड़-फ़ोड़ करने वाले लोग इन्हे माँ बहन की गालियॉ दे रहे थे।
हम भी कितने वेवकुफ़ है कि किसी के कह देनेभर से अपने ही घर को जलाने लगते है,अपने ही भाई बधु को तकलीफ़ पहुचाने लगते है। ये ठीक उसी तरह है जैसे कोई कहे कि कौआ कान लेके उड़ गया है और हम कान को नही देख कर,कौआ के पिछे भागने लगते है। जल्द ही हमे सभलना होगा क्योकी हमारे देश में फ़ुट डालो और राज करो की निती को जोर शोर से प्रसारित किया जा रहा है।
और अंत मे भाई "पवन" को श्रद्धांजलि अर्पित है।

आम आदमी,खास आदमी

आम आदमी की शिकायत होती है की वो सबसे कमजोर आदमी होता है।वो सिर्फ़ सह सकता है,पिस सकता है,लुट सकता है,पिट भी सकता है,लेकीन सिस्टम के खिलाफ़ लड़ नही सकता ।सब बकवास है,मेरी नजर आम आदमी सबसे खास आदमी है। आम आदमी जो काम कर सकता है वो कोई भी नही कर सकता है। अब आप सोचिएगा कैसे क्योकी आम आदमी कर्मठ होता है।
वो अपनी जिंदगी मे जितनी मेहनत करता है,कठिनाईयो को झेलता है,हर पल संघर्ष करता हुआ आगे की ओर बढता है शायद कोई नही करता है।वो जानता है की मेहनत के आलावा उसके पास कोई विकल्प नही है।वो सरकार बना सकता है तो हटा भी सकता है। इतिहास गवाह है की जिसने भी अपनी जिंदगी मे कुछ नया करने की सोची और उसे अपना लक्ष्य बनाया वो सबसे आगे निकल गया। सफ़ल लोगो की लिस्ट बहुत लंबी है। लेकीन उस लिस्ट मे आम आदमी का नाम लगभग 80% है। इस लिस्ट मे आपका नाम भी जुड़ सकता है। बस जरुरत है एक मजबुत सकल्प की,एक नई सोच की,और मजबुत इरादे के साथ आगे बढने की। हमेशा अपने लक्ष्य के बारे मे चिंतन किजिये,चिंता नही फ़िर देखिये रास्ता खुद ब खुद कैसे बनता है। बस धैर्यपूर्वक अपना काम करते रहिये और आप ऐसा कर सकते है।