Friday, November 19, 2010

तुम याद आये......


तुम्हारे जाने के बाद .....जीने की कोशिश की ....
लेकिन यादो के सिवा और क्या था अपने पास ...
तुम्हारी तलब ऎसी की यादे कम परने लगी



अफ़सोस आज फ़ोन किया ..........
तुमने पहचानने से इंकार कर दिया
बेवफाई ऐसी की ............
सदियों के इंतजार को बेकार कर दिया





तुम्हारा कोई दोष नहीं .........गलती मेरी ...
धरती पे खरे होकर आसमान छूने चला था
एक गवार की हद से आगे निकला था .......

अभी तक गफलत में जी रहा था मै ....
लेकिन तुम्हारा कहा .....याद है...
''मै आपका पहला प्यार हूँ ''........
हा आप मेरा पहला प्यार है ..और रहेगी


कसक इस बात की ....
तुम फ़ोन पर....पहचान लेते
एक बार कह के तो देखती ...
मै दुबारा फ़ोन करता .......


अफ़सोस आज फ़ोन किया ..........
तुम्हारा कोई दोष नहीं .........गलती मेरी ...





...........................तुम्हारा




















2 comments:

GOOD MORNING PATNA said...

dil ka dard apki kavita me dikhta ha
bahutkhub

Raveesh said...

bahut khub bhai bhabi se comment ka ummed rakte