Monday, September 8, 2008

बाढ़ का कहर

गलती किसकी ?
18,अगस्त को बिहार मे टुटे बांध ने जो कहर बरपाया उससे लोग अभी तक उबर नही पाये है,और शायद जिदगी भर उबर भी न सके। न जाने कितने लोगो ने जिदा जल समाधी ले ली,लाखो लोग बेघर हो गए,छोटे छोटे बच्चे जो सयोग से जिदा बच गये है,उनकी बचपन,मासुमीयत सब मुरझा गई है। चारो तरफ़ हहाकार मचा हुआ है।……………………लेकीन हम क्या कर रहे है।
नेता रजनिती कर रहे है,गिद्ध की तरह हेलिकाप्टर से मँडरा रहे है,देख रहे है की इस स्थिति का कैसे और कितना लाभ उठाया जा सकता है।
मिडिया के भाई छाप रहे है,दिखा रहे है,एक ही मिडिया हाउस से कई भाई पहुचे हुए है,एक से एक एस्कुलिसिव,स्पेशल और मानविय एंगल की स्टोरी दे रहे है।सब धकाधक बिक रही है। जैसे ही उनकी फ़ोटु कही टेलिविजन या अखबार मे दिख रही है,तड़ातड़ फ़ोन कर के कह रहे है,अरे भाई देखिए हम दिख रहे है। ………………लेकीन अभी तक कोई भी पतरकार(बिहारी लैग्वेज) पानी की धारा मे उतरा नही है।
और आम आदमी खाली गप मार रहा है,बाढ से जुड़ी खबरों का वो चाऊमिन बना-बना कर खा रहा है,जैसे ही कोई नई खबर वो सुनता है तो तुरन्त उसे चटनी के रुप मे इस्तेमाल करता है।
ये लिख्ने तक भागलपुर के पास भी एक बाँध टुट चुका था।

5 comments:

Kavita Vachaknavee said...

चिट्ठे का स्वागत है. लेखन के लिए शुभकामनाएँ. खूब लिखें, अच्छा लिखें.

شہروز said...

ब्लॉग की दुनिया में आपका हार्दिक अभिनन्दन.
आप के रचनात्मक प्रयास के हम कायल हुए.
जोर-कलम और ज्यादा.
कभी फ़ुर्सत मिले तो इस तरफ भी ज़रूर आयें.
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/
http://saajha-sarokaar.blogspot.com/
http://hamzabaan.blogspot.com/

प्रदीप मानोरिया said...

बहुत सटीक लिखा है आपने हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है निरंतरता की चाहत है समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें

तरुण ठाकुर said...

bahut khub.aapke lekani ke ham kayal huye. sachmuch aam adami hi pisata hai. bade log(neta g)to hawai yatra karte hai .jara jmin par aaye to badh ke bare mai unki jo jamini log hai dukh dard malum hoga.

Raveesh said...

thanks for writing on this matter