खबरो का असर होता है सिर्फ आम मे ही नही खास लोगो पर भी । बाहुबली हो या राजनितिज्ञ सबको अपने लपेटो मे उडा लेता है।और जब चुनान आचार संघीता की बात करे तो इनदिनो अपने अलग रूख के लिए याद आता है निर्वाचन आयोग । जो बिना लेट लतीफ हुए चलाता है अपनी छुरी नेताओ पर । और फास लेता है आचार संधीता के घेरे में । कुछ ऐसा ही हुआ एक चुनाव में रेल मंत्री लालु जी के साथ ।
किसी मीडीया हाउस ने प्रचार के लिए लालु जी का भिजुअल भेजा । जिसका पैकेजिग लालु जी को रहनूमा बना रहा था। सारी तैयारी हो चुकी थी खबर रन डाउन पर जाने वाली थी । पर एकाएक उस कंपनी के अधिकारी ने कुछ ऐसा भिजुअल देखा जो हैरान करने वाला करने वाला । उसके होश उड गये उसके अन्दर से आवाज आयी साला मै तो गलत करनेजारहा था।
कोई शिकार उसके हाथ नही लगा था बल्कि तीस सेंकेंड का एक चटपटा विजुअल लगा था । जो खबर को पलट दे रहा था साथ ही साथ उस सप्ताह का टीआरपी भी उसी संस्थान केझोली मेे जा रहा था। तो फिर क्यो न खबर से ही खबर की दुनिया मेंहलचल मचा दी जाये। और ये सप्ताह अपनी हो जाये । स्टोरी बदल दी गयी पहले जो कही ना कही से लालु जी के फेवर मे पैकेजिग हुई थी अब ठीक उल्टा हो गया था । अब जो नया पैकेजिग तैयार हुआ था वो कुछ अनोखा था इस खबर का असर होने वाला था सिर्फ आम में ही नही खास मे भी। एक बडा कदम निवार्चन आयोग को भी उठाना होगा । खबर रन डाउन पर गयी । पहले से ही खबर के लिए पुरी तैयारी शुरू हांे गयी थी ख्ुब प्रचार हुआ सिर्फ ,,,,,,,,,,,पर । लालु ने किया आचार संधीता का उल्घंन खुब बाटी नोट।
जहाॅ संवाददाता ने सोची थी कि इस खबर से कही कोई आश जगेगी पर उस खबर को ही एक अलग रूख् देदिया गया था । पक्ष के बदले बिपक्ष मेंखडा नजर आ रहा था संवाददाता। अब तो लालु जी से ही नजर चुराना पडेगा। सोच-सोच के जमीन में गढा जा रहा था।पर हुआ ठीक उल्टा । बडी दिनो के बाद जब संवाददाता डरते-डरते वहाॅ पहुचा तो हुआ कुछ और लालु जी ने उसे सर आॅखो पर लिया। अपने साथ लेकर धुमना शुरू कर दिया । खैर इसे मीडीया स्र्टनड या फिर राजनीति का कोई फंडा था। खबर का कुछ तो असर हुआ ।फायदे को लेकर कर किया गया काम लालु जी समझ गयें थे या फिर कोई और बात था।
खबर का असर हुआ आचार संधीता के उलंधन का मामला लालु जी पर लगा । मीडिया मे क्या नही होता इसका तो ये एक नमुना है । पर ये जो समझते है कि खबर तो सिर्फ हम जो लिखकर देगे वही चलेगा तो यह गलत सावित हो ता है । इसका तो एक नमुना तो सामने हुआ । मामला कोर्ट तक पहुचा बाकि न्यालय के हाथों में है।
तरुण ठाकुर
किसी मीडीया हाउस ने प्रचार के लिए लालु जी का भिजुअल भेजा । जिसका पैकेजिग लालु जी को रहनूमा बना रहा था। सारी तैयारी हो चुकी थी खबर रन डाउन पर जाने वाली थी । पर एकाएक उस कंपनी के अधिकारी ने कुछ ऐसा भिजुअल देखा जो हैरान करने वाला करने वाला । उसके होश उड गये उसके अन्दर से आवाज आयी साला मै तो गलत करनेजारहा था।
कोई शिकार उसके हाथ नही लगा था बल्कि तीस सेंकेंड का एक चटपटा विजुअल लगा था । जो खबर को पलट दे रहा था साथ ही साथ उस सप्ताह का टीआरपी भी उसी संस्थान केझोली मेे जा रहा था। तो फिर क्यो न खबर से ही खबर की दुनिया मेंहलचल मचा दी जाये। और ये सप्ताह अपनी हो जाये । स्टोरी बदल दी गयी पहले जो कही ना कही से लालु जी के फेवर मे पैकेजिग हुई थी अब ठीक उल्टा हो गया था । अब जो नया पैकेजिग तैयार हुआ था वो कुछ अनोखा था इस खबर का असर होने वाला था सिर्फ आम में ही नही खास मे भी। एक बडा कदम निवार्चन आयोग को भी उठाना होगा । खबर रन डाउन पर गयी । पहले से ही खबर के लिए पुरी तैयारी शुरू हांे गयी थी ख्ुब प्रचार हुआ सिर्फ ,,,,,,,,,,,पर । लालु ने किया आचार संधीता का उल्घंन खुब बाटी नोट।
जहाॅ संवाददाता ने सोची थी कि इस खबर से कही कोई आश जगेगी पर उस खबर को ही एक अलग रूख् देदिया गया था । पक्ष के बदले बिपक्ष मेंखडा नजर आ रहा था संवाददाता। अब तो लालु जी से ही नजर चुराना पडेगा। सोच-सोच के जमीन में गढा जा रहा था।पर हुआ ठीक उल्टा । बडी दिनो के बाद जब संवाददाता डरते-डरते वहाॅ पहुचा तो हुआ कुछ और लालु जी ने उसे सर आॅखो पर लिया। अपने साथ लेकर धुमना शुरू कर दिया । खैर इसे मीडीया स्र्टनड या फिर राजनीति का कोई फंडा था। खबर का कुछ तो असर हुआ ।फायदे को लेकर कर किया गया काम लालु जी समझ गयें थे या फिर कोई और बात था।
खबर का असर हुआ आचार संधीता के उलंधन का मामला लालु जी पर लगा । मीडिया मे क्या नही होता इसका तो ये एक नमुना है । पर ये जो समझते है कि खबर तो सिर्फ हम जो लिखकर देगे वही चलेगा तो यह गलत सावित हो ता है । इसका तो एक नमुना तो सामने हुआ । मामला कोर्ट तक पहुचा बाकि न्यालय के हाथों में है।
तरुण ठाकुर
No comments:
Post a Comment