Tuesday, February 3, 2009

हड़ताल पर सरकार

बिहार सरकार हड़ताल पर अब विज्ञापन बाजी करने लगी है। जनता त्ररस्त है।करमचारी
माॅग को ले के डटे हुए है। केहु पिछे हटने को तेयार नही है। सरकार रोना रो रही है
कि हमारे पास जो देने के लिए था सो दे दिये इ कम नही है। आप लोग हड़ताल तोड़
दिजिए काम पर आ जाईयें। बाकि करमचारी कह रहे है कि जो केंद्र से समझवता हुआ
है उ हम लोगो को मिलना चाहिए। हमलोग तभी काम पर आयेगे जब हम लोगो का जो
माॅग है उसको सरकार दे।
अब सरकार ने धकमीयों देनी लगी है। सरकार कह रही है काम पर नही लौटने वाले
ऽ करमचारियों को बरखास्त कर दिया जायेगा। करमचारि इसको ले के गुस्से में हैै
इसका ताजा उदाहरण दरभंगा में करमचारियों का किया उपद्रव हैं । करमचारियों ने
सरकार का पुतला फुका ही साथे साथे पोलियो की भेकसीन को भी फेक दिया।
रोज रोज अखबारो में सरकारी विज्ञापन आ रहे है। हमारी ही सरकार है जो छठे वेतनमान
सबसे पहिले दे दी आप बाकि राज्यो की सरकार को देखीये ।सरकार पर खरचे का बोझ है
सरकार की हालात खराब है जनता निर्णय करे क्या हड़ताल जायेज है । अब बताईये का सरकार
अपने खरचे पर लगाम लगाई है मुख्यमंत्री जो कमपेन चलाये है जनता जर्नाधन के दरवाजे तक
जाना का का उसमें खरचा नही है । जरा सरकार इस पर भी एक विज्ञापन दे के दिखाये किहम जो
गाॅव मे एक दिन रहते है उसमें हेतना रूपईया खरचा है का इ जायज खरचा है जनता बताये? तब ना
होगा सुशासन का असली अर्थ । आप अपना खरचा बताये ही नही करमचारियों के उपर अपना भी खरचा
जोड़ दिये ।
तरूण ठाकुर

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