Tuesday, February 3, 2009

पटना एक नजर !

मै समय हू। मैने हर पल को जिया है ए मैने इतिहास को देखा हैए इतिहास के हर पन्ने का गवाह हू मै। आज का पटना कल का अजिमाबाद देखा है मैनेएचन्द्र्गुप्त और अशोक की बादशाहत देखी है मैने।इसी पाटलीपुत्र मे अनेक राजवन्शो का उद्बभव और पराभव का साक्षी रहा हू मै ।
3000 सालों का इतिहास समेटे पटना आज भी विश्व के मानचित्र पर अपनी मौजूदगी का एहसास कराता है। वक्त के साथ नाम बदला प बादशाहत बदली नही बदली तो वो शहर की तासिर । कुम्हरार के भग्नावेश और गोलघर की स्थापत्य कला आज भी आज भी अपनी गरिमामयी इतिहास की कहानी कहती है। शहीद स्मारक को देखते ही उन सपूतो की कुर्बानिया याद आती हैए याद आती है देश प्रेम के जज्बे की।
शहर के किनारे पावन सलिलाएगंगा की कलकल करती धारा पटना को हरवक्त पवित्रता का एहसास कराती है।वक्त गुजरता रहा शहर बदलता रहाए बिसात वही रही शतरंज के खिलाड़ी बदलते रहे।धर्मों का अदभुत सन्गम शहर की खासियत है। मैने माता के मंदिर की आरती की है। मसजिदो मे नमाज अदा की हैएचर्च की घंटियो मे तो कभी गुरुद्वारे की गुरुवाणी मे लीन हो जाता हू मै।
छ्ठ की आस्था मे डुबा शहर देखा है मैनेएईद की सेवईयो की मिठास चखी है मैने ए होली की हुड़दन्ग देखी है मैने ईशु की पार्थना देखी है मैने एतो गुरुदारे की गुरुवाणी सुनी है मैने।
वक्त ने करवट बदली तो फ़िजाओ ने रंग बदला एहोश और जोश का सगम हुआ तो शहर विकास के पथ पर चल पड़ा।
बड़ी बड़ी गगनचुंबी इमारतेंएचौड़ी होती सड़केंए रोज खुलते नये नये रोजगार के अवसरएतेजी से बढता शिक्षा का दायराएविकास के दौड़ मे कंधे से कंधा मिलाकर चलती महिलायेंएपल.पल बदलती राजनीति मे सता का केंद्र बना हुआ है पटना। ........समय के साथ अपने गौरवशाली इतिहास को समेटे ये शहर बढता रहेगाए बढता रहेगा ।
दीप नारायण दुबे

1 comment:

PD said...

Apse shath pratishat sahmat..
mere paatliputra ke baare me itna kuchh likhne ke liye dhanyavaad..